एसटीएफ ने फर्द में किया नामजद, पुलिस की एफआईआर में अज्ञात
एसटीएफ ने अपनी फर्द में आरटीओ विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम और उनकी करतूतों का सिलसिलेवार जिक्र किया है पर पुलिस ने जब एफआईआर दर्ज की तो नामजद अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम को अज्ञात में दाखिल कर दिया है।
एफआईआर की कॉपी मिलने के बाद पुलिस की पहली कार्रवाई ही सवालों के घेरे में आ गई है लिहाजा अब अधिकारियों व कर्मचारियों की गिरफ्तारी को लेकर पर संशय शुरू हो गया है। लोगों को यह विश्वास नहीं हो पा रहा है कि पुलिस इनको गिरफ्तार कर पाएगी। हालांकि एसएसपी का कहना है कि फर्द में जितने भी अधिकारी व कर्मचारी के नाम हैं, वह सभी नामजद माने जाएंगे। एसटीएफ ने अपने 24 पन्ने की फर्द में वसूली का न सिर्फ जिलेवार खेल उजागर किया है बल्कि किस अधिकारी और कर्मचारी का नाम पूछताछ और धर्मपाल की डायरी तथा रजिस्टर के आधार पर सामने आया है उन सभी का नाम दर्ज कर दिया है। यह माना जा रहा था कि फर्द के हिसाब से यह सभी कर्मचारी भी नामजद किए जाएंगे। पर जब एफआईआर की कॉपी सामने आई तो स्वयं एसटीएफ के लोग भी दंग रह गए।
एसटीएफ की फर्द के मुताबिक गोरखपुर के एआरटीओ एसपी श्रीवास्तव, पीटीओ इरशाद अली के पास पैसा उनका ड्राइवर संजय सिंह उर्फ मंटू सिंह, कर्मचारी अवधेश सिंह उर्फ बबलू,आरटीओ सिपाही निपेन्द्र सिंह,अनूप सिंह के जरिये जाता था। मंटू सिंह गोरखपुर के अलावा बस्ती और कुशीनगर में भी आरटीओ विभाग को पैसा पहुंचाता था।
फर्द में इनके भी हैं नाम शामिल
देवरिया के एआरटीओ चतुर्वेदी, महराजगंज के एआरटीओ आरएस भारती, कुशीनगर एआरटीओ संदीप कुमार पंकज, मऊ एआरटीओ अवधेश प्रसाद और पीटीओ मानवेन्द्र सिंह, आजमगढ़ एआरटीओ संतोष सिंह, जौनपुर में सिपाही अनिल पटेल, पंकज सिंह, अंबेडरनगर एआरटीओ केएन सिंह, बस्ती में एआरटीओ, संतकबीरनगर में पीटीओ/एआरटीओ संदीप कुमार चौधरी, गाजीपुर में एआरटीओ राम सिंह यादव, सोनभद्र आरटीओ, भदोही में आरटीओ व सिपाही योगेन्द्र सिंह, चंदौली में आरटीओ सिपाही, विपिन चौधरी के नाम शामिल हैं।
कुछ सीधे तो कुछ कर्मचारियों के जरिये लेते थे पैसा
एसटीएफ ने इस बात का जिक्र किया है कि कुछ एआरटीओ सीधे भी पैसा लेते थे जबकि कुछ कर्मचारियों के माध्यम से लेते थे। मोबाइल कॉल डिटेल से भी यह घिर रहे हैं। इस गिरोह से जुड़े लोगों से लगातार कुछ एआरटीओ की बात होती थी। ट्रकों के नम्बर और नाम भी व्हाट्सएप के जरिये भेजे जाते थे, यह भी रिकार्ड मिला है।
बोले एसएसपी
नामजद अभियुक्तों के कॉलम में इतने लोगों का नाम शामिल करना संभव नहीं था, इसलिए वहां नाम नहीं लिखे गए हैं, पर फर्द में आरटीओ के जितने भी अधिकारी और कर्मचारियों का नाम आरोपी के तौर पर दिए गए हैं वे सभी एफआईआर में नामजद माने जाएंगे। विवेचना के दौरान इनके खिलाफ साक्ष्य इकट्ठा कर चार्जशीट दाखिल की जाएगी।