आरटीओ के आरोपित अफसरों को लेकर बंद कमरे में चर्चा
दलालों और आरटीओ के अफसरों की मिलीभगत से पूर्वांचल में ओवरलोड ट्रकों से करोड़ों की वसूली का मामला उजागर होने के बाद आरटीओ कार्यालय का दृश्य बदला-बदला नजर आ रहा है। कार्यालय में तैनात एआरटीओ प्रवर्तन एसपी श्रीवास्तव एवं पीटीओ इरशाद अली का नाम भी एसटीएफ की सूची में है। जिम्मेदार जहां बंद कमरे में चर्चा करते दिख रहे हैं, वहीं कर्मचारी और अधिवक्ता इनकी संपत्तियों को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
आरटीओ कार्यालय में सोमवार को पूरे दिन सिर्फ इसी घटना को लेकर चर्चा होती रही। रविवार की बंदी के बाद जब सोमवार को आरटीओ खुला तो पूरे आरटीओ में खलबली जैसा माहौल दिखा। अधिकारी हों या कर्मचारी हर कोई ओवरलोड ट्रकों की वसूली के मामले में जांच के घेरे में आए एआरटीओ प्रवर्तन एसपी श्रीवास्तव एवं पीटीओ इरशाद अली के नामों की चर्चा करते हुए दिखे। इनके बारे में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही थीं। कोई इनके सम्पत्ति को लेकर चर्चा कर रहा था तो कोई इनकी गतिविधियों को लेकर।
दफ्तर नहीं आए थे दोनों : दोनों आरोपी अधिकारी सोमवार को कार्यालय में नजर नहीं आए। आरटीओ प्रवर्तन भी इन्हें लेकर खुलकर बोलने से बच रहे हैं। दिन में करीब तीन बजे के करीब आरटीओ प्रवर्तन एवं आरटीओ प्रशासन बंद कमरे में मीटिंग करते रहे। काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी वह कमरे से बाहर नहीं निकले। वहीं इस मामले में एक बाबू का कहना था कि इस घटना में होना जाना कुछ नहीं है। सबूत के अभाव में इनपर कोई कार्रवाई नहीं हो सकेगी। आरटीओ प्रवर्तन डीडी मिश्रा कहते हैं कि पुलिस की जांच को लेकर अभी हमारे पास कुछ नहीं आया है। ओवरलोड वाहनों को लेकर हमनें लगातार अभियान चलाया है। 1500 से अधिक ओवरलोड वाहनों का चालान किया गया है।
आरोपित अधिकारियों के सम्पत्ति को लेकर चर्चा
एसटीएफ की जांच में जिन अधिकारियों का नाम आ रहा है उनके संपत्तियों को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। चर्चाएं हैं कि एक अधिकारी ने तारामंडल क्षेत्र में बेशकीमती मकान अपने रिश्तेदार के नाम से बुक कराया है। वहीं अधिकारी ने शाहपुर क्षेत्र में सम्पत्ति खरीदी है।
सिर्फ आरोप पर सस्पेंड नहीं कर सकता : एटीसी
ओवरलोडिंग वाहनों के संचालन में गोरखपुर आरटीओ के अधिकारियों का नाम उजागर होने से स्थानीय अधिकारी सकते में हैं। पहले भी सवालों में घिरे अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। सवालों को एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर लक्ष्मीकांत मिश्रा से ‘हिन्दुस्तान ने बात की।
सवाल-ओवरलोड वाहनों को लेकर गोरखपुर के अधिकारियों का नाम भी उजागर हुआ है। विभाग क्या कार्रवाई कर रहा है।
एटीसी-पुलिस की जांच चल रही है। विभाग के पास अभी कुछ भी लिखित में नहीं है। जबतक विभाग की तरफ से सबूत के साथ कुछ नहीं मिल जाता तबतक विभागीय कार्रवाई करने का आधार नहीं बन रहा। सिर्फ नाम उजागर होने से सस्पेंड नहीं किया जा सकता है।
सवाल-आरोपित अधिकारी फिलहाल सेवा दे रहे हैं या नहीं।
एटीसी-पुलिस की जांच में गोरखपुर के अधिकारियों का नाम आया है। आरोप तय नहीं हुए हैं। अभी वे अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सभी जिम्मेदारों को चेतावनी दी गई है कि वह गलत करेंगे तो कड़ी कार्रवाई भुगतनी होगी। अफसरों को खुद अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
सवाल-ओवरलोडिंग को लेकर गम्भीर आरोप लगते रहे हैं। खुद ट्रांसपोर्टरों ने ज्ञापन सौंपा था।
एटीसी-ओवरलोड वाहनों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की गई है। 80 से 90 फीसदी तक ओवरलोडिंग पर अंकुश लगा है। गोरखपुर में 1500 से अधिक वाहनों का ओवरलोडिंग में चालान हुआ है। जांच में जिसके खिलाफ संलिप्तता के सबूत मिलेंगे कड़ी कार्रवाई होगी।